सोना और चांदी हमेशा से भारतीय संस्कृति और निवेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। वर्तमान समय में, सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। खासकर 24 कैरेट सोने की कीमतों में गिरावट लगातार जारी है। यह स्थिति न केवल निवेशकों बल्कि आम खरीदारों के लिए भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस लेख में हम 24 कैरेट सोने और चांदी के भाव, कीमतों में गिरावट के कारण और बाजार में इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से जानेंगे।

सोने की कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव
सोने और चांदी की कीमतें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं।
- डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर: जब डॉलर मजबूत होता है, तो सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिलती है।
- फेडरल रिजर्व की नीतियां: अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से सोने की मांग में कमी आई है।
2. मांग और आपूर्ति में असंतुलन
त्योहारी सीजन और शादी के समय सोने की मांग बढ़ जाती है, लेकिन मांग कम होने पर कीमतों में गिरावट देखी जाती है।
- घरेलू मांग में कमी: भारत में सोने की मांग इस समय स्थिर बनी हुई है।
- वैश्विक निवेश घटा: निवेशक अब सोने के बजाय स्टॉक मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी की ओर रुख कर रहे हैं।
3. सरकारी नीतियों का असर
- आयात शुल्क में बदलाव: सोने के आयात पर सरकार द्वारा लगाए गए शुल्क में कमी या वृद्धि का सीधा असर कीमतों पर पड़ता है।
- GST का प्रभाव: सोने और चांदी की खरीद पर 3% GST लागू होता है, जो कीमतों को प्रभावित करता है।
24 कैरेट सोने का ताजा भाव
1. आज का 24K सोने का भाव
24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध माना जाता है। वर्तमान में इसके भाव शहर और राज्य के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।
- दिल्ली: ₹57,200 प्रति 10 ग्राम
- मुंबई: ₹57,000 प्रति 10 ग्राम
- चेन्नई: ₹58,500 प्रति 10 ग्राम
- कोलकाता: ₹57,300 प्रति 10 ग्राम
2. 22K और 18K सोने का भाव
22 कैरेट और 18 कैरेट सोने का भाव 24 कैरेट की तुलना में कम होता है।
- 22K सोना: ₹52,300 प्रति 10 ग्राम
- 18K सोना: ₹44,500 प्रति 10 ग्राम
चांदी के ताजा भाव
1. आज का चांदी का भाव
चांदी का उपयोग गहनों, बर्तनों और औद्योगिक जरूरतों के लिए किया जाता है।
- दिल्ली: ₹71,000 प्रति किलोग्राम
- मुंबई: ₹70,800 प्रति किलोग्राम
- चेन्नई: ₹72,500 प्रति किलोग्राम
- कोलकाता: ₹71,200 प्रति किलोग्राम
2. चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव
चांदी की कीमतें भी सोने की तरह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं।
- औद्योगिक मांग में कमी से चांदी के दाम घटते हैं।
- निवेशक चांदी को सोने के विकल्प के रूप में देखते हैं, जिससे इसकी कीमतें प्रभावित होती हैं।
सोने और चांदी की कीमतें कैसे तय होती हैं?
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार का प्रभाव
सोने और चांदी की कीमतें मुख्य रूप से COMEX (Commodity Exchange) और MCX (Multi Commodity Exchange) पर आधारित होती हैं।
2. शुद्धता और कैरेट का असर
- 24 कैरेट: सबसे शुद्ध और महंगा।
- 22 कैरेट: गहनों के लिए इस्तेमाल होता है।
- 18 कैरेट और 14 कैरेट: कम शुद्धता वाले, सस्ते गहनों के लिए।
3. मांग और आपूर्ति
त्योहारी और शादी के मौसम में सोने और चांदी की मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल आता है।
सोने और चांदी में निवेश के फायदे
1. लंबे समय का सुरक्षित निवेश
सोना और चांदी सदियों से सुरक्षित निवेश के रूप में माने जाते हैं।
- मूल्य में स्थिरता: सोने की कीमतें लंबे समय तक स्थिर रहती हैं।
- महंगाई से सुरक्षा: महंगाई बढ़ने पर सोने और चांदी की कीमतें भी बढ़ती हैं।
2. तरलता
सोने और चांदी को आसानी से नकदी में बदला जा सकता है।
3. डायवर्सिफिकेशन
स्टॉक मार्केट या अन्य निवेश में नुकसान होने पर सोने और चांदी में निवेश सुरक्षित रहता है।
सोने और चांदी में निवेश के तरीके
1. गोल्ड ज्वेलरी और सिक्के
यह पारंपरिक तरीका है, जिसमें लोग सोने के आभूषण, सिक्के और बार खरीदते हैं।
2. गोल्ड ETF और गोल्ड बॉन्ड्स
- गोल्ड ETF: स्टॉक एक्सचेंज पर सोने में निवेश का आधुनिक तरीका।
- सोवरिन गोल्ड बॉन्ड्स: सरकार द्वारा जारी, ब्याज के साथ।
3. चांदी के निवेश के तरीके
- चांदी के सिक्के और बार।
- सिल्वर ETF या फ्यूचर्स।
सोने और चांदी की कीमतों का भविष्य
1. कीमतों में संभावित गिरावट
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता आने पर कीमतें और गिर सकती हैं।
- निवेशक अब सोने से अन्य परिसंपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं।
2. लंबे समय में उछाल की उम्मीद
- भारत में त्योहारी सीजन और शादी के समय मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल आ सकता है।
- सोने और चांदी में निवेश लंबे समय में लाभकारी हो सकता है।