एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में हाल ही में बदलाव हुआ है, जिसने आम जनता के बजट पर गहरा असर डाला है। हर घर की जरूरत बन चुके एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती कीमतें न केवल गृहिणियों को बल्कि व्यापारिक क्षेत्र और आम नागरिकों को भी प्रभावित कर रही हैं।

इस लेख में हम आपको बताएंगे एलपीजी गैस सिलेंडर के नए रेट्स, इसकी कीमतों में हुई बढ़ोतरी के कारण और इससे जुड़े हर पहलू के बारे में।
एलपीजी गैस सिलेंडर की नई कीमतें
भारत सरकार ने हाल ही में एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव किया है। यह बदलाव घरेलू और व्यवसायिक, दोनों तरह के सिलेंडरों पर लागू होता है।
घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत
- दिल्ली: ₹950 से बढ़कर ₹975 प्रति सिलेंडर
- मुंबई: ₹945 से बढ़कर ₹970 प्रति सिलेंडर
- कोलकाता: ₹960 से बढ़कर ₹990 प्रति सिलेंडर
- चेन्नई: ₹965 से बढ़कर ₹995 प्रति सिलेंडर
व्यवसायिक गैस सिलेंडर की कीमत
- दिल्ली: ₹1680 से बढ़कर ₹1725 प्रति सिलेंडर
- मुंबई: ₹1650 से बढ़कर ₹1700 प्रति सिलेंडर
कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव के कई मुख्य कारण हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं।
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर भारत में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों पर पड़ता है।
2. रुपये का कमजोर होना
डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी भी गैस की कीमतों में इजाफा करने का एक प्रमुख कारण है। आयातित गैस महंगी होने के कारण उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
3. उत्पादन और वितरण लागत
एलपीजी गैस की प्रोसेसिंग, परिवहन और वितरण में आई लागत भी सिलेंडर के दाम बढ़ाने में योगदान करती है।
4. सरकारी सब्सिडी में कटौती
पहले सरकार घरेलू गैस सिलेंडरों पर सब्सिडी देती थी, लेकिन अब सब्सिडी में कटौती के कारण ग्राहकों को बढ़े हुए दाम चुकाने पड़ रहे हैं।
आम जनता पर प्रभाव
एलपीजी गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों का असर हर वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है।
1. घरेलू बजट पर असर
रसोई गैस महंगी होने से आम लोगों के मासिक बजट पर भारी असर पड़ता है। विशेष रूप से मध्यम और निम्न वर्गीय परिवारों के लिए यह स्थिति कठिन हो जाती है।
2. व्यापारियों और उद्योगों पर प्रभाव
रेस्त्रां, होटल और अन्य छोटे व्यवसायों में गैस की खपत अधिक होती है। सिलेंडर की कीमत बढ़ने से उनके उत्पाद और सेवाओं की लागत भी बढ़ जाती है।
3. ग्रामीण क्षेत्र में चुनौती
ग्रामीण इलाकों में लोग अभी भी लकड़ी और अन्य परंपरागत ईंधनों पर निर्भर हैं। गैस की कीमतें बढ़ने से ग्रामीण परिवार गैस का उपयोग कम कर देते हैं।
सरकार की योजनाएं और सहायता
बढ़ती कीमतों के बावजूद सरकार ने कुछ विशेष योजनाएं लागू की हैं, जिससे कमजोर वर्ग को राहत मिल सके।
1. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
इस योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। हालांकि, सिलेंडर की कीमतें बढ़ने से इन परिवारों पर भी असर पड़ा है।
2. सब्सिडी योजना
हालांकि सब्सिडी में कटौती हुई है, लेकिन अभी भी कुछ वर्गों को सीमित सब्सिडी मिल रही है।
3. वैकल्पिक ईंधनों को बढ़ावा
सरकार सौर ऊर्जा और बायोगैस जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दे रही है, ताकि एलपीजी पर निर्भरता कम की जा सके।
घरेलू गैस की बचत के उपाय
गैस की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोग इसे बचाने के तरीकों पर अधिक ध्यान देने लगे हैं।
1. प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करें
प्रेशर कुकर में खाना बनाने से गैस की खपत कम होती है।
2. ढक्कन का उपयोग करें
खाना पकाते समय बर्तन पर ढक्कन रखने से गैस की बचत होती है।
3. कम गैस खपत वाले उपकरण
मॉडर्न कुकिंग उपकरण जैसे इंडक्शन चूल्हा या माइक्रोवेव का इस्तेमाल करें।
4. गैस लीक को रोकें
गैस लीक होने पर तुरंत सुधार करवाएं, ताकि अनावश्यक गैस की बर्बादी रोकी जा सके।
वैश्विक तुलना: अन्य देशों में एलपीजी के दाम
भारत में एलपीजी की कीमतें वैश्विक बाजार के मुकाबले तुलनात्मक रूप से कम हैं।
- अमेरिका: $1.5 प्रति किलोग्राम
- चीन: $1.2 प्रति किलोग्राम
- भारत: $0.9 प्रति किलोग्राम (औसतन)
हालांकि, भारतीय आय स्तर को देखते हुए यह कीमत आम जनता के लिए अधिक भारी पड़ती है।
क्या हो सकता है समाधान?
1. वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
सरकार और उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा, बायोगैस और इलेक्ट्रिक कुकिंग जैसे विकल्पों को अपनाना चाहिए।
2. स्थानीय उत्पादन बढ़ाना
भारत में एलपीजी उत्पादन को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता कम की जा सकती है।
3. सरकारी समर्थन
सरकार को एलपीजी पर सब्सिडी बढ़ानी चाहिए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
4. जनजागरूकता अभियान
गैस बचत के उपायों के प्रति जागरूकता फैलाकर खपत को नियंत्रित किया जा सकता है।