भारत में पेंशन योजनाएं सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लेकर हाल ही में कई चर्चाएं और खबरें सामने आई हैं। जहां कुछ राज्य सरकारें इसे फिर से लागू करने की बात कर रही हैं, वहीं नई पेंशन स्कीम (NPS) के तहत काम कर रहे कर्मचारी इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। इस लेख में हम ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़ी ताजा खबरें, इसकी विशेषताएं, फायदे, नुकसान और इसे लागू करने की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
ओल्ड पेंशन स्कीम क्या है?
ओल्ड पेंशन स्कीम भारत सरकार द्वारा पहले लागू की गई एक रिटायरमेंट योजना थी। इसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद जीवनभर नियमित पेंशन दी जाती थी। यह योजना 31 दिसंबर 2003 तक लागू थी।

ओल्ड पेंशन स्कीम की मुख्य विशेषताएं
- डिफाइंड बेनिफिट स्कीम
- कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित राशि मिलती थी।
- महंगाई भत्ता (DA)
- पेंशन में समय-समय पर महंगाई भत्ता जोड़ा जाता था।
- सरकार का पूरा योगदान
- पूरी पेंशन राशि सरकार द्वारा दी जाती थी।
- पेंशन राशि का निर्धारण
- पेंशन कर्मचारी की अंतिम सैलरी के आधार पर तय की जाती थी।
नई पेंशन स्कीम (NPS) और ओल्ड पेंशन स्कीम का अंतर
1. योगदान का आधार
- OPS: कर्मचारी को कोई योगदान नहीं देना पड़ता था।
- NPS: कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को हर महीने वेतन का कुछ हिस्सा योगदान के रूप में जमा करना पड़ता है।
2. पेंशन राशि की गारंटी
- OPS: पेंशन राशि की गारंटी होती थी।
- NPS: पेंशन राशि बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है।
3. महंगाई भत्ता
- OPS: महंगाई भत्ता दिया जाता था।
- NPS: महंगाई भत्ता नहीं जोड़ा जाता।
ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़ी बड़ी खबरें
1. कई राज्यों में OPS की वापसी
राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की घोषणा की है। इन राज्यों का मानना है कि OPS कर्मचारियों के लिए अधिक सुरक्षित और लाभदायक है।
2. केंद्र सरकार का रुख
केंद्र सरकार ने अभी तक OPS को दोबारा लागू करने पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिए हैं। सरकार NPS को अधिक प्रभावी और दीर्घकालिक समाधान मानती है।
3. कर्मचारियों का विरोध
कई सरकारी कर्मचारी संगठनों ने NPS का विरोध किया है और OPS की बहाली की मांग की है। कर्मचारी NPS को असुरक्षित मानते हैं क्योंकि यह बाजार की अस्थिरता पर आधारित है।
ओल्ड पेंशन स्कीम के फायदे
1. आर्थिक सुरक्षा
OPS कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद आजीवन वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
2. महंगाई से राहत
महंगाई भत्ता पेंशन राशि में जोड़ा जाता है, जिससे बढ़ती महंगाई के बावजूद जीवनयापन आसान हो जाता है।
3. गारंटी पेंशन
यह स्कीम एक सुनिश्चित पेंशन राशि प्रदान करती है, जो कर्मचारी के जीवनभर मिलती है।
4. पारिवारिक लाभ
कर्मचारी की मृत्यु के बाद उनके परिवार को भी पेंशन मिलती रहती है।
ओल्ड पेंशन स्कीम के नुकसान
1. सरकार पर वित्तीय बोझ
OPS के तहत पेंशन का पूरा खर्च सरकार उठाती है, जिससे सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ता है।
2. भविष्य की पीढ़ियों पर असर
इस योजना को जारी रखने से आने वाली पीढ़ियों के लिए आर्थिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।
3. निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अनुपलब्धता
यह योजना केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध थी, जिससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलता।
ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की चुनौतियां
1. राजकोषीय घाटा
OPS को फिर से लागू करने से राज्यों और केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे में वृद्धि हो सकती है।
2. अन्य योजनाओं पर प्रभाव
सरकार को अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं के बजट में कटौती करनी पड़ सकती है।
3. राजनीतिक दबाव
OPS को लागू करना एक राजनीतिक निर्णय हो सकता है, जिससे सरकार पर अलग-अलग समूहों का दबाव बढ़ सकता है।
कर्मचारियों की मांग और तर्क
1. वित्तीय सुरक्षा
कर्मचारियों का कहना है कि OPS उन्हें रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
2. NPS की अस्थिरता
कर्मचारियों का मानना है कि NPS में निवेश बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, जो असुरक्षित है।
3. पुरानी योजनाओं का लाभ
कई कर्मचारी OPS को एक बेहतर और सरल योजना मानते हैं।
विशेषज्ञों की राय
1. OPS के पक्ष में
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि OPS कर्मचारियों के लिए बेहतर है, क्योंकि यह उन्हें आजीवन वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
2. NPS के पक्ष में
दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञ NPS को अधिक टिकाऊ और आधुनिक योजना मानते हैं, जो सरकार पर वित्तीय बोझ कम करती है।
ओल्ड पेंशन स्कीम पर भविष्य की संभावनाएं
1. राज्यों का फैसला
यदि अधिक राज्य सरकारें OPS को लागू करती हैं, तो यह केंद्र सरकार पर भी दबाव डाल सकता है।
2. संशोधित योजनाएं
सरकार भविष्य में OPS और NPS का मिश्रण पेश कर सकती है, जिसमें दोनों योजनाओं के फायदे शामिल हों।
3. कर्मचारियों की संतुष्टि
यदि OPS को दोबारा लागू किया जाता है, तो यह कर्मचारियों के बीच संतोष और भरोसा बढ़ा सकता है।